नौकरी बदलने के बीच अगर 1 महीने का होगा गैप तो नहीं मिलेगी टैक्स में राहत, जानिए क्या है पूरा मामला

इनकम टैक्स : बजट घोषणा के बाद एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड यानी EPF पर टैक्स को लेकर काफी चर्चा हो रही है. इसी चर्चा के तहत आपको आज ईपीएफ पर लगने वाले टैक्स के बारे में बताएंगे और कैसे इस टैक्स (When PF is taxed) से राहत मिलेगी, उस ट्रिक के बारे में भी बताएंगे. सबसे पहले यह जान लें कि EPF में निवेश करने पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. निकासी करने पर यह पूरी तरह टैक्स फ्री हो सकता है, लेकिन इसको लेकर एक शर्त है. वर्तमान में EPF पर इंट्रेस्ट रेट 8.5 फीसदी है और इंट्रेस्ट इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री है.

EPF निकासी पर जब टैक्स की बात करते हैं तो 5 साल का समय काफी अहम हो जाता है. अगर आपने लगातार पांच साल के लिए नौकरी की है तो इस रिटायरमेंट फंड से निकासी करने पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा. इस दौरान अगर आप नौकरी बदलते हैं तब भी टैक्स में राहत मिल सकती है, लेकिन दो नौकरी के बीच एक महीने से ज्यादा का गैप नहीं होना चाहिए. साथ ही इस बात का भी खयाल रखना होगा कि आपको पुराने एंप्लॉयर का प्रोविडेंट फंड ही नए एंप्लॉयर को ट्रांसफर करना है. इससे आपके पीएफ अकाउंट में कंट्रीब्यूशन जारी रहेगी और यह एकसाथ कैलकुलेट किया जाएगा.

टैक्स को लेकर क्या है नियम
अगर पांच साल की सर्विस पूरा नहीं करते हैं और उससे पहले इस फंड से निकासी करना चाहते हैं तो टैक्स लगेगा. 50 हजार से कम निकासी करने पर टीडीएस नहीं कटेगा, हालांकि यह आपकी इनकम में शामिल होगी और आप जिस टैक्स स्लैब में आते हैं, उस हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. 50 हजार से ज्यादा निकासी करने पर 10 फीसदी टीडीएस कटता है. 5 साल की सर्विस पूरा होने पर निकासी करते हैं तो यह पूरी तरह टैक्स फ्री है. अगर पांच साल से पहले कंपनी बंद हो जाती है, कंट्रीब्यूटर की तबीयत बिगड़ जाती है, ऐसे परिस्थिति में 5 साल से पहले भी निकासी करने पर टैक्स नहीं कटता है.

बजट में 2.5 लाख की लिमिट क्या है?
एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड को लेकर बजट 2021 में टैक्स की घोषणा की गई थी. जैसा कि पहले कहा गया है पीएफ में निवेश करने पर 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ, इंट्रेस्ट इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री और पांच साल बाद निकासी करने पर वह रकम भी टैक्स फ्री होता है. बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख तक ईपीएफ में निवेश टैक्स फ्री होगा. उससे ज्यादा निवेश करने पर अडिशनल अमाउंट पर इंट्रेस्ट से होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा. अभी तक इंट्रेस्ट इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री था.

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